प्लास्टिक वेस्ट रीसाइकलिंग अभियान

हुजैफा
लखनऊ। पर्यावरण स्थिरता को लेकर अपनी प्रतिबद्धता की तरफ़ आगे बढ़ते  हुए विज्ञान-आधारित आयुर्वेद प्रमुख डाबर इंडिया लि ने उत्तर प्रदेश  में अपनी प्लास्टिक वेस्ट रीसायकलिंग पहल के विस्तार की घोषणा की। इस अभियान के अंतर्गत डाबर वर्ष 2019-20 में प्रदेश में 19,00,000 किलोग्राम उपभोक्ता प्लास्टिक वेस्ट को एकत्रित कर, प्रोसेसिंग और रीसायकल करेगा। यह 'स्वच्छ उत्तर प्रदेश' बनाने की दिशा में डाबर के योगदान का हिस्सा है।
डाबर ने राज्य में प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन (PWM)  नियम 2016, 2018 (संशोधित) अनुपालन को पूरा करने के लिए वर्ष 2018-19 में  में अपने अपशिष्ट संग्रहण और प्रोसेसिंग के पहल को शुरु किया। इस पहल के तहत, डाबरने मार्च 2019 के अंत तक कानपुर, लखनऊगोरखपुरमथुरा, आगरामुरादाबादगाजियाबादसाहिबाबादमेरठ,नोएडा ग्रेटर नोएडा में लगभग 2,330 स्थानीय कचरा बीनने वालों की मदद से 14,00,000 किलोग्राम विभिन्न प्रकार का रीसायकल करने और रीसायकल न करने योग्य प्साल्टिक अपशिष्ट एकत्रित किया।
वर्तमान वर्ष 2019-20 में, डाबर ने अपनी पहल का विस्तार करते हुए उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों से 19,00,000 किलोग्राम प्लास्टिक अपशिष्ट के संग्रहण का लक्ष्य बनाया है। डाबर इंडिया लि कॉरपोरेट हेड-पर्यावरणस्वास्थ्य और सुरक्षा डॉ. प्रियांक आर्या ने कहा  कंपनी इस विशाल संग्रहण के लिए राज्य के 5,000 से अधिक कचरेवालों को इस मुहिम में शामिल करेगी और इस अभियान को संचालित करेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि "यह डाबर इंडिया लिमिटेड के उत्तर प्रदेश  में अपनी पैकेजिंग के कारण उत्पन्न प्लास्टिक वेस्ट का 100 प्रतिशत (30,00,000 किलोग्राम) वर्ष 2020-21 तक वापस एकत्रित करने की प्रतिबद्धता का भाग है।“
डाबर इंडिया लि कार्यकारी निदेशक-परिचालन  शाहरुख खान ने कहा "एक ज़िम्मेदार कॉर्पोरेट नागरिक के तौर पर, डाबर को हमेशा निरंतरता और पारिस्थितिक ज़िम्मेदारी की तरफ़ अपनी प्रतिबद्धता के लिए पहचाना जाता है। हमने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में जागरुकता को बढ़ाते हुए, शहरों में प्लास्टिक अपशिष्ट को कम करने के लिए प्रगतिशील कार्य किए हैं। हम प्रकृति के संरक्षण के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी के बारे में पूरी तरह से अवगत हैं और पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर हमेशा सबसे आगे रहते हैं। हमें लगता है कि एक मज़बूत पर्यावरण रणनीति ना केवल ब्रांड की प्रतिष्ठा को बढ़ाती है बल्कि उपभोक्ता का विश्वास बनाने में भी मुख्य भूमिका निभाती है।"
संग्रहित प्लास्टिक अपशिष्ट को:: पंजीकृत PRO और NGOके समर्थन में विभिन्न रीसायकलर्स, वेस्ट-टू-एनर्जी और सीमेंट प्लांट को भेजा जा रहा है। डाबर नवंबर 2018 से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के साथ एक पंजीकृत ब्रांड-ओणर रहा है और साथ ही उत्तर प्रदेश में विभिन्न प्रकार के प्लास्टिक वेस्ट को एकत्रित करने हेतु प्रतिबद्ध है। “प्लास्टिक वेस्ट एकत्रित करने और प्रोसेस करने में मदद करनेकेसाथ–साथ डाबर समाज में जागरुकता फ़ैलाने और इस अभियान में समुदाय को शामिल करने के लिए भी काम कर रहा है। हम स्कूली बच्चों के साथ काम कर रहे हैं और उन्हें विभिन्न प्रकार के कचरे या वेस्ट के बारे में और उन्हें स्रोत पर अलग करने के लाभों के बारे में शिक्षित कर रहे हैं। साथ ही हम स्कूलों में कचरे के डिब्बे या वेस्ट-बिन की आपूर्ति भी कर रहे हैं। हमें लगता है कि यह पहला  स्वच्छ  उत्तर  प्रदेश बनाने में काफ़ी आगे तक जाएगी। हम राज्य में स्थानीय कचरे वालों, कबाड़ी वालोंकी जीविका और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए भी काम कर रहे हैं। डॉ. आर्या ने कहा डाबर 2016 के नए प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन (PWM) नियमों को कार्यान्वित करने हेतु प्रतिबद्ध है, जिसके लिए ब्रांड मालिकों/उत्पादकों को विस्तारित उत्पादक ज़िम्मेदारी (EPR)सिद्धांत के आधार पर, अपने उत्पादों से जनरेट किए गए प्लास्टिक वेस्ट को वापस करने हेतु एक प्रभावी वेस्ट संग्रहण का निर्माण करने की आवश्यकता थी। डॉ.आर्य ने कहा: “हम समुदायों में प्राकृतिक संसाधनों पर हमारे प्रभाव को गंभीरता से लेते हैंऔर साथ ही भविष्य की पीढ़ी के लिए पृथ्वी की सुंदरता और संसाधनों को बनाए रखने के साथ-साथ इसका ध्यान रखने की ज़िम्मेदारी लेते हुए विनियमों का पालन करने के लिए कई उपाय भी किए हैं। डाबरमें प्रत्येक कार्रवाई एक निरंतर भविष्य के लिए है। यह प्रोजेक्ट भी इस दिशा में आगे की ओर एक कदम है। हमें लगता है कि डॉबर जैसे संगठनों को आगे आकर सरकार की नीतियों का प्रचार करना चाहिए और हर संभव तरीके से ऐसे पहल का समर्थन करना चाहिए।

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