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Showing posts from April, 2019

प्रदेश से चार प्रधानमंत्री पद के दावेदार मैदान में, मोदी के साथ राजनाथ, राहुल और माया भी दौड में

हुजैफ़़ा लखनऊ। प्रदेश में देश के अगले प्रधानमंत्री पद के चार उम्मीदवार चुनावी मौदान में अपने-अपने दावें कर रहे है। अपनी महत्वांकाशी पूरी करने के लिये प्रदेश की ८० सीटों में से जिस पार्टी को आधे के बराबर सीटे मिलेगीं उसकी दावेदारी केन्द्र में मजबूत मानी जायेगी। प्रधानमंत्री पद के पहले दावेदार भाजपा के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी है, जो अति उत्साह के साथ अपने प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश में कई धमाकेदार रैलियों से विपक्षियों को अपनी रणनीति बदलने और अपनी दमदार प्रदेश में उपस्थिति दर्ज कराकर अपने विरोधियों को अपने होने का एहसास करा रहे है। प्रधानमंत्री पद के दूसरे दावेदार भी भाजपा से लखनऊ के सांसद गृहमंत्री राजनाथ सिंह जो अटल बिहारी बाजपेई की सीट जिसे पिछले साल पांच सालों से संभाले है, वह नवाबों के शहर में अपनी जीत से प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पेश कर सकते है यदि भाजपा की सरकार नहीं बनती और पार्टी अन्य पार्टियों से समर्थन लेकर सरकार बनाये तो ऐसे में राजनाथ एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार हो सकते है। तीसरा नाम आता है कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष  राहुल गांधी का जिन्होने

प्रदेश से चार प्रधानमंत्री पद के दावेदार मैदान में, मोदी के साथ राजनाथ, राहुल और माया भी दौड में

हुजैफ़़ा लखनऊ। प्रदेश में देश के अगले प्रधानमंत्री पद के चार उम्मीदवार चुनावी मौदान में अपने-अपने दावें कर रहे है। अपनी महत्वांकाशी पूरी करने के लिये प्रदेश की ८० सीटों में से जिस पार्टी को आधे के बराबर सीटे मिलेगीं उसकी दावेदारी केन्द्र में मजबूत मानी जायेगी। प्रधानमंत्री पद के पहले दावेदार भाजपा के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी है, जो अति उत्साह के साथ अपने प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश में कई धमाकेदार रैलियों से विपक्षियों को अपनी रणनीति बदलने और अपनी दमदार प्रदेश में उपस्थिति दर्ज कराकर अपने विरोधियों को अपने होने का एहसास करा रहे है। प्रधानमंत्री पद के दूसरे दावेदार भी भाजपा से लखनऊ के सांसद गृहमंत्री राजनाथ सिंह जो अटल बिहारी बाजपेई की सीट जिसे पिछले साल पांच सालों से संभाले है, वह नवाबों के शहर में अपनी जीत से प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पेश कर सकते है यदि भाजपा की सरकार नहीं बनती और पार्टी अन्य पार्टियों से समर्थन लेकर सरकार बनाये तो ऐसे में राजनाथ एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार हो सकते है। तीसरा नाम आता है कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष  राहुल गांधी का जिन्होने

श्री लंका मे आयोजित होगा वर्ड आइकॉन अवार्ड

21 जुलाई 2019 को श्रीलंका के कोलम्बो शहर में आयोजित होने जा रहे सम्मान समारोह ‘‘वर्ल्ड आइकाँन अवार्ड्स’’ लखनऊ। वर्ल्ड आइकॉन अवार्ड्स समारोह में हमेशा की भांति देश विदेश से विभूतियों का आगमन हो रहा है। रविवार को कार्यक्रम के निर्देशक दुष्यन्त सिंह ने बताया इस वर्ष उपरोक्त कार्यक्रम का आयोजन श्रीलंका के विश्व प्रसिद्ध आयोजन स्थल ‘‘भण्डारनायके मेमोरियल इण्टरनेशनल कांफ्रेंस हॉल बी.एम.आई.सी.एच में किया जा रहा है, जो कि अपने आप में एक गौरव का विषय है। उपरोक्त कार्यक्रम में श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महामहिम महिन्दा राजपक्षे मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे एवं श्रीलंका के वरिष्ठ काबीना मंत्री मानु गनेशन अति विशिष्ठ अतिथि हैं। कार्यक्रम में गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी देश विदेश से कई सामाजिक व कला क्षेत्र की शीर्ष हस्तियाँ अपनी उपस्थिति दर्ज करायेंगीं। उपरोक्त कार्यक्रम हेतु श्रीलंका में वहां की शीर्ष संस्था ‘‘होला लंका’’ से समन्वय किया गया है। श्रीमती बर्नी उपरोक्त संस्था की अध्यक्ष हैं। प्रेसवार्ता में मौजूद कार्यक्रम की चयन समिति के प्रमुख सदस्य विभव तोमर ने बताया कि सम्मान समारोह

‘सावधान इंडिया’- अपराध और अपराधिओं से 7 सालों से कर रहा है मुकाबला  

स्‍टार भारत  के फ्लैगशिप शो  ‘सावधान इंडिया’   ने इस हफ्ते छोटे परदे पर 7 साल पूरे कर लिये हैं। यह शो समाज में घट रही घटनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने में एक माध्‍यम की भूमिका निभाता आ रहा है। सच्‍ची घटनाओं पर आधारित, इस शो का प्रत्‍येक एपिसोड अलग-अलग अपराध की कहानियां पेश करता है। इसने देश को डकैती, धोखाधड़ी, हत्‍या से लेकर साइबर क्राइम और यौन शोषण जैसे कई सारे अपराधों के बारे में बताया। ऐसा कोई अपराध नहीं, जिसे इस शो में कवर ना किया गया हो। ‘सावधान इंडिया’ को सातवें साल में बेहद प्रतिभाशाली अभिनेत्री टिस्‍का चोपड़ा के साथ इस इंडस्‍ट्री के दिग्‍गज और प्रशंसकों के चहेते, आशुतोष राणा एंकर कर रहे हैं। इस सीजन का मुख्‍य फोकस आज के दौर के अपराधों पर है, क्‍योंकि ‘सावधान’ की टीम का मानना है कि अपराधी स्‍मार्ट होते जा रहे हैं, ऐसे में आम लोगों को भी और भी ज्‍यादा सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है।टीवी पर बाकी लोकप्रिय शोज़ से अलग ‘सावधान इंडिया’ कहानी कहने के एक ही तरीके का पालन नहीं करता है, जोकि पूरे सीजन चलता रहेगा। यह एक एपिसोडिक शो है, जिसके हरेक एपसोड में अपने अनूठे किरदार और कहानी ह

लखनऊ-जातिय समीकरण में पूनम सिंहा राजनाथ पर भारी 

हुजैफा लखनऊ। गठबंधन की सपा प्रत्याशी पूनम सिंहा जातिय समीकरण में राजनाथ पर भारी है। गठबंधन ने कांग्रेस प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को सपा का उम्मीदवार बनाया तो, कांग्रेस ने भी सियासी दांव चलते हुए धर्मगुरु आचार्य प्रमोद कृष्णन को चुनावी मौदान में ऊतार दिया। यदि दलिय और जतीय समीकरण देखे तो पूमन सिंहा लखनऊ के वर्तमान सांसद राजनाथ सिंह से भारी पड़ती दिख रही है। कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद कृषणन की स्थिति तीसरे स्थान पर दिख रही है। लखनऊ का मुकाबला हमेशा से दिलचस्प रहा है। कभी नेताओं को लेकर तो कभी फिल्मी कलाकरों को लेकर यहां लोगों का रुझान बदलता रहा है। वैसे यह सीट अटल की विरासत होने की वजह से और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। सिने स्टार रही पूनम सिंन्हा इस बार सपा-बसपा-रालोद गठबंधन की संयुक्त उम्मीदवार हैं। वैसे तो यहां त्रिकोणिय मुकाबला है लेकिन मुख्य लड़ाई राजनाथ और पूनम में ही होने की आशा है। इस सीट पर तीनों प्रत्याशी लखनऊ के बाहर के है। इस सीट पर नब्बे के दशक से भाजपा का कब्जा है, जब यहां से पहली बार अटल बिहारी बाजपेई भाजपा से सांसद बने और प्रधानमंत्री भी बने। व्यापारी और

भाजपा बाहरी लोगों के भरोसे दोबारा सरकार बनाने का देख रही सपना   

हुजैफ़ा लखनऊ। देश में इस समय नरेंद्र मोदी की हवा चल रही या चलाई जा रही है। यह तो आने वाला समय बतायेगा किन्तु जिस तरह से इलेक्ट्रनिक मीडिया को मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का जिम्मा मिल गया है उससे लगता है कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के पास कोई अलादीन का चिराग होगा या जादुई छडी जिससे वह तुरन्त देश की सठिया चुकी समस्याओं का हल निकाल देगें। इसीलिये आज सटटा बाजार से लेकर हर जगह मोदी और भाजपा पर लोग आंखबंद कर भाव गत चुनाव की तरह नहीं लगा रहे है। भाजपा इस समय सबसे बड़ी और तकतवर पार्टी के रुप में देखा जा रहा है। यह बात और है कि भाजपा के नेता खुद एक दूसरे की जड़े काटने और अपने वरिष्ठïों को किनारे लगाने का काम कर रहे है। यहीं वजह है कि आज तमाम राजनेता बिना हाथ पैर चलाये अपनी नैया पार करने की फि राक में भाजपा में शामिल हो रहे है। भाजपा देश का दूसरा राष्टï्रीय राजनीतिक दल होने के कारण असंतुष्टïों और महत्वांकाशी लोगों को पहली पंसद बनती जा रही है। इतना होने पर भी भाजपा अपने लोगों कार्यकर्ताओं और नेताओं पर कम भरोसा कर रही हे। जो भाजपा नेता भाजपा को यहां तक पहुंचाने के लिये

क्यूं होता है मुस्लिम वोटों में बिखराव  मुस्लिम वोट बैंक पर  सबकी नजर 

हुजैफ़ा देश की आजादी में सभी धर्मो के लोगों ने अपने स्तर और अपनी सामर्थ के अनुसार अपना योगदान दिया। आजादी मिलने के बाद जब देश में पहली लोकसभा का गठन किया गया तो उसमें कुछ मुस्लिम नेता भी थे, जो मंत्री भी बने। सभी धर्मो के नेताओं ने अपनी कौम के लिये कुछ न कुछ काम जरुर किये जिसका असर आज उस समाज के लोगों के विकास से देखा जा सकता है। किन्तु मुस्लिम नेताओं ने अपनी कौम से गददरी की और उसे आगे बढऩे से रोकते हुए उसे सिर्फ अपने फायदे के लिये वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया। जिसका नतीजा आज देश की आजादी के ६५ सालों बाद भी मुस्लिम समाज अन्य धर्मो के लोगों की अपेक्षा पिछडा हुआ और अपने धर्म गुरुओं के बयानों और वोटों की सौदेबाजी में फंसकर अपने वोट की कीमत ही भूल गया है। मुस्लिम समाज के वोटों के रुख पर ही लोग अपनी जीत के दावे करते और सत्ता पाने के सपने देखते रहते है। अब सवाल यह उठता है कि सिर्फ मुस्लिम वोटों पर ही सब की नजर क्यूं होती है। इसका सीधा सा जवाब है कि मुस्लिम वोटों में ही समय और परिस्थितियों के अनुसार सबसे अधिक बिखराव होता है, इसी कारण सभी पार्टियोंं की नजऱ मुस्लिम वोटों पर होती है।  एक वरिष