मेदांता ने मरीज़ के तीसरे किडनी ट्रांसप्लांट को बनाया सफल

- स्वस्थ जीवन बिता रहे मरीज और डोनर लखनऊ: बढ़ते शहरीकरण की वजह से एकाकी होते परिवारों में एक परिवार ऐसा भी है, जो अपनों की जीवनरक्षा के लिए हर मुश्किल से लड़ जाने को तैयार हैं। ऐसा ही उदाहरण लखनऊ में देखने को मिला, जहां एक 43 साल के रेलवे कॉन्ट्रैक्टर की किडनी खराब होने पर परिवार के तीन सदस्यों द्वारा किडनी देकर मरीज को जीवनदान दिया गया। परिवार में सबसे पहले मरीज के सबसे बड़े भाई, उसके बाद पत्नी और तीसरी बार मरीज से 16 साल बड़े भाई द्वारा किडनी दी गया। मेदांता अस्पताल में हाल ही में हुई यह अत्यंत दुर्लभ और जटिल किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी सफलतापूर्वक की गई, जिसने न केवल मेडिकल साइंस के लिए एक मिसाल पेश की, बल्कि मरीज़ और उसके परिवार के लिए ज़िंदगी की एक नई आस जगाई है। लखनऊ निवासी 43 वर्षीय मरीज़ को पहली बार किडनी के फ़ेल होने का पता 2013 में चला था। इसके बाद मरीज की डायलिसिस शुरू हुई। 2016 में उनके सबसे बड़े भाई ने किडनी दी, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली में किडनी ट्रांसप्लांट कराई गई। इससे डायलिसिस बंद हुई और ज़िंदगी सामान्य हो गई लेकिन यह किडनी 2023 तक ही चल पाई। इसके बाद पत्नी ने...