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Showing posts from November, 2020

सर्दियों में डायबिटीज रोगी किडनी की देखभाल करें: डा. दीपक

हुजैफ़ा लखनऊ। जब आपको डायबिटीज होती है, तो आपके लिए अपनी किडनी की देखभाल करना महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह खून से गंदिगी को छानने और उसे खून से निकालने वाला महत्वपूर्ण काम करती है। इसके अलावा किडनी पानी का संतुलन बनाए रखने, हडिडयों के स्वास्थ्य की देखभाल करने, विटामिन डी और एरिथ्रोपोइटिन के संश्लेषण, यह एक पदार्थ होता जो हीमोग्लोबिन के लेवल को बनाए रखता है, का काम करती है। यह जानकारी देते हुए रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के एमडी नेफ्र ोलोजी डीएम रीनल साइंस डायरेक्टर डॉ दीपक दीवान ने बताया डायबिटीज किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है और इस वजह से किडनी के फंक्शन में प्रोग्रेसिव नुकसान हो सकता है। यह पूरी दुनिया में किडनी के फेल होने का प्रमुख कारण है। एडवांस किडनी फेल होने वाले लोगों को या तो डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरुरत होती है। हालांकि किसी की किडनी धीरे-धीरे भी डैमेज हो सकती है और किसी नेफ्र ोलोजिस्ट से कंसल्ट करने के अलावा आप अपनी लाइफ स्टाइलए डाईट में थोड़ा सा बदलाव करके और स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहके इसकी हालत और ज्यादा खऱाब होने से बचा सकते हैं। डा. दीपक ने कहा सर्

आयुर्वेद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव डाल रहा:आचार्य मनीष

विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ द्वारा भारत में पारंपरिक चिकित्सा का वैश्विक केंद्र स्थापित करने संबंधी घोषणा और सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन सीसीआईएम द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी में प्रशिक्षित करने और कई तरह के ऑपरेशन करने की अनुमति देने के निर्णय का स्वागत करते हुए आयुर्वेद विशेषज्ञ आचार्य मनीष ने कहा कोविड युग ने भारत के प्राचीन जड़ी-बूटी आधारित औषधीय विज्ञान आयुर्वेद के महत्व को न केवल भारत बल्कि विश्व में भी महत्वपूर्ण बना दिया है। कोविड समेत विभिन्न रोगों पर आयुर्वेदिक औषधियों के असर को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने भारत में पारंपरिक चिकित्सा का एक केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। मैं सीसीआईएम के इस निर्णय को भी क्रांतिकारी मानता हूं, जिसके तहत आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी में प्रशिक्षण देने के बाद उन्हें कुछ तरह के ऑपरेशन करने की अनुमति दी गयी है। आचार्य मनीष ने शुद्धि आयुर्वेद की शुरुआत की है, जिसका मुख्यालय चंडीगढ़ में है। शुद्धि आयुर्वेद के तहत भली-भांति शोध करने के बाद और आयुष अनुमोदित आयुर्वेदिक औषधियां तैयार की जाती हैं। आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाने के लि

शिक्षित बेरोजगारों को उचित रोजगार दिलाना मेरा उद्देश्य

शिक्षित बेरोजगारों को उचित रोजगार दिलाना मेरा उद्देश्य - कान्ति सिंह पत्नी एस0पी0 सिंह प्रत्याशी सदस्य विधान परिषद् लखनऊ़: मैंने 6 नवम्बर को मण्डलायुक्त कार्यालय में लखनऊ खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद् सदस्य पद के लिए नामांकन कर दिया है। पूरी निष्ठा से पिछले कार्यकाल में जनसेवा की है। उसी आशा और विश्वास के साथ पुनः आपके बीच उपस्थित हूँ। मैंने 2014 से लेकर अबतक पूरी पारदर्शिता, निष्पक्षता और कर्मठता से सातों जनपदों में विकास के लिए कार्य किया है। अपनी निधि का शत-प्रतिशत सदुपयोग करते हुए सातों जिलों में सोलर लाइटें, हैण्ड पम्प, सड़क निर्माण, विद्यालय में भवन व शौचालय निर्माण, विद्युतीकरण, कचहरियों में टिन शेड, स्मृति द्वार, गरीबों के इलाज हेतु अनुदान, गरीब लड़कियों के विवाह में आर्थिक सहायता आदि कार्य पूरी सक्रियता से सम्पन्न कराया है। जैसा कि आप जानते हैं कि पहले सरकारी प्राइमरी स्कूलों के बच्चे टाट पट्टी पर बैठकर पढ़ाई करते थे, इस ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए सरकारी प्राइमरी विद्यालयों में

उच्च शिक्षा में पाँव पसारती यौनाचार की प्रवृत्ति

उच्च शिक्षा के नाम पर दुनिया भर के छात्रों को व्यभिचार के उस अंतहीन गर्त में धकेला जा रहा है, जहाँ अन्धकार के अलावा और कुछ भी नहीं है। इसको समझने के लिए पश्चिमी देशों के कुछ शोधों पर नज़र डालना ज़रूरी है। रायटर ने 18 मई 2011 को बर्लिन स्टडी सेंटर द्वारा जर्मनी की राजधानी बर्लिन के विश्वविद्यालयों में किये गए एक शोध के निष्कर्ष को छापा। जिसके अनुसार विश्वविद्यालय के छात्र शिक्षा ज़ारी रखने के लिए वेश्यावृत्ति करतें थें। एक शोधकर्ता ने बताया कि वेश्यावृत्ति की ओर मुड़ने वाले छात्रों की मुख्य प्रेरणा प्रति घंटा की दर से मिलने वाली भारी-भरकम रकम थी। उन्होंने इसके कारण के रूप में महंगी शिक्षा और छात्रों का कर्ज में डूबे होना पाया। उन्होंने बताया कि बर्लिन में वेश्यावृत्ति की दर फ्रांस की राजधानी पेरिस और उक्रेन की राजधानी कीव के छात्रों से अधिक थी पश्चिमी देशों में किये गए शोधों से स्पष्ट होता है कि विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच वेश्यावृत्ति ने एक अंशकालिक पेशे के रूप में लोकप्रियता हासिल की है। जिसका कारण यह है कि हजारों छात्र हर साल अपनी विश्वविद्यालय की डिग्री को पूरा करने के लिए संघर्ष

युवाओं को कौशल में निपुण बनाएगा एसवीएसयू डॉ महेन्द्रनाथ

नई दिल्ली श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय एसवीएसयू ने ऑनलाइन माध्यम से अपनी दूसरी वर्षगांठ मनाई। कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्ज्वलन एवं गीत के साथ की गई। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर आरएसराठौर ने सभी का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा विश्वविद्यालय कौशल के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहा है। एसवीएसयू भारत का पहला सरकारी कौशल विश्वविद्यालय है जोकि हरियाणा सरकार ने दुधौलाए पलवल में स्थापित किया गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने इस अवसर पर जानकारी देते हुए बताया कि दूसरे स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर भारत सरकार के माननीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डॉ महेन्द्र नाथ पाण्डेयए कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री श्री मूलचंद शर्मा और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व किक्रेटर श्री चेतन शर्मा शामिल हुए। इस अवसर पर कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डॉ महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने वर्चुअल माध्यम से लखनऊ से सीधे कार्यक्रम में अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। कोरोना महामारी के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान भी एसवीएसयू ने विद्यार्थियों और प्रशिक्षुओं को डिजिटल माध्यमों

त्योहार में बादाम से बढ़ाएं बच्चे की इम्यूनिटी

फेस्टिव सीजन में बादाम से बनाएं बच्चे की  इम्यूनिटी मजबूत  भारत में त्योहार सभी के दिलों के नजदीक हैं क्योंकि इस दिन पूरे परिवार के लोग एक साथ मिलकर आपस में खुशियां बांटते हैं। लेकिन यह बच्चों के लिए एक ऐसा मौका होता हैए जब उन्हें सामान्य दिनों के रूटीन से अलग हटकर  स्नैक्स और मिठाइयां खाने का मौका मिलता हैए जो वास्तव में काफी नुकसान पहुंचाने वाली होती हैं। इससे आगे चलकर बच्चों की सेहत और इम्यु निटी को नुकसान पहुंच सकता है। न्यूाट्रीशन स्पेश्यीलिस्ट और पाइलेट्स एक्सपर्ट माधुरी रुईया के अनुसारए फेस्टिव सीजन में बच्चों के खाने के तरीके पर विशेष निगाह रखना बेहद महत्वपूर्ण हैए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह अपने स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने की जगह सेहत और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले पोषक और स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों का ही सेवन कर रहे हैं। नीचे दिए गए 3 फूड आइटम्स की सिफारिश करते हुए माधुरी कहती हैं कि ये चीजें पैरंट्स के पास फेस्टिव सीजन में मौजूद होने ही चाहिए। अभिभावकों को इन खाद्य पदार्थों को बच्चों के रोजाना के खाने में शामिल कर यह ध्याटन रखना चाहिए कि बच्चे त्योहार के दिन