गुमनामी बाबा को नेताजी सुभाष चंद्र बोस बताना नेताजी की तौहीन है – अमित पाण्डेय

गुमनामी बाबा को नेताजी सुभाष चंद्र बोस बताना नेताजी की तौहीन है – अमित पाण्डेय जहाँ एक ओर देश आज़ादी आंदोलन के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी के 125वें जयंती वर्ष एवं आज़ादी की 75वीं सालगिरह को उत्सव के रूप में मना रहा वही दूसरी ओर विश्व के सबसे चमत्कारिक एवं अद्भुत लीडर नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की को गुमनामी बाबा बताकर दुष्प्रचार करना नेताजी की तौहीन है जिसको मोदी सरकार/ भारत सरकार को संज्ञान में लेकर ऐसे कुप्रचार को पूर्ण प्रतिबंधित करना चाहिये | पूर्व पत्रकार एवं “इंडियाज बिगेस्ट कवरप”,” के लेखक श्री अनुज धर व उनकी टीम द्वारा वर्तमान अयोध्या पूर्व फैज़ाबाद के गुमनामी बाबा को नेताजी सुभाष बताना अप्रतिम एवं अतुलनीय बहादुरी के आदर्श,महानतम पराक्रमी देशभक्त नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की तौहीन है | उक्त बातें नेताजी सुभाष संगठन (NSS) के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लखनऊ में रायबरेली रोड स्थित एन.एस.एस ट्रस्ट के मुख्यालय नेताजी सुभाष वाटिका से प्रिंट मीडिया व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए जारी किये गए एक बयान में किया | श्री पाण्डेय ने कहा 1956 में प्रधान मंत्री नेहरू की सरकार ने आईएनए के वयोवृद्ध जनरल शाह नवाज खान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया। पहली बार, ग्यारह प्रत्यक्ष गवाहों से लेकर ताइवान में दुर्घटना और फिर कुछ घंटे बाद नेताजी की मृत्यु सहित विस्तृत जानकारी को आधिकारिक रिपोर्ट में दर्ज किया गया था। पहली बार यह माना गया की नेताजी की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को विमान दुर्घटना में हुई नेताजी के भारतीय सैन्य सहयोगी आईएनए कर्नल हबीब उर रहमान, जो नेताजी के साथ यात्रा करते थे और दुर्घटना और उसके बाद बच गए थे, प्रत्यक्ष गवाहों में से एक थे। 1974 की सरकार द्वारा नियुक्त खोसला आयोग की रिपोर्ट ने 1956 के शाह नवाज़ के निष्कर्षों की फिर से पुष्टि की जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया था। तीसरी और आखिरी सरकार द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति मुखर्जी जांच आयोग 2005 ने पाया कि नेताजी की मृत्यु उक्त हवाई दुर्घटना में नहीं हुई थी, भारत सरकार ने इसे खारिज कर दिया। नेताजी सुभाष संगठन (NSS) पूर्व की तरह एक बार फिर यह मांग करता है की भारत सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को ताइवान् के टाइहोकू में हुई थी इस सरकारी मान्यता को ख़ारिज करे अन्यथा अनुज धर व उनकी टीम द्वारा किये जा रहे झूठे प्रोपोगेंडा पर प्रतिबन्ध लगाए जिससे अब आगे नेताजी की तौहीन ना हो | नेताजी की बिटिया श्रीमती अनीता बोस एवं बोस परिवार सहित नेताजी सुभाष संगठन पिछले दो दशक से सरकार से यह भी मांग रख रहा है की जापान के राइँकोजी मंदिर में रखी तथाकथित नेताजी की अस्तियों का डी एन ए टेस्ट हो जिससे यदि वो अस्थियां नेताजी की निकले तो उसका भारतीय रीति रीवाज़ से संगम में विसर्जन हो | 11 जून लखनऊ में अनुज धर व उनकी टीम द्वारा आयोजित कार्यक्रम जिसमे गुमनामी बाबा को नेताजी सुभाष चंद्र बोस साबित करने का प्रयास किया जा रहा है नेताजी सुभाष संगठन (NSS) इस कार्यक्रम का मीडिया के माध्यम से प्रतीकत्मक “नैतिक विरोध” करता है परन्तु यदि भविष्य में सरकार इस श्री अनुज धर व टीम के दुष्प्रचार पर प्रतिबन्ध नहीं लगाती है तो नेताजी सुभाष संगठन (NSS) इसका उग्र विरोध पर विचार करेगा, किसी भी कीमत पे नेताजी की तौहीन बर्दास्त नहीं करेगा | NSS NETA JI SUBHASH CHANDER BOS AMIT PANDAY

Comments

  1. Good to know that there are organisations that effevtively oppose Gumnami baba hoax

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