जीवन में 5 करोड़ की आक्सीजन पेड़ों से लेते हैं, शुक्रगुजार बनें: डॉ सूर्यकान्त

जीवन में 5 करोड़ की आक्सीजन पेड़ों से लेते हैं, शुक्रगुजार बनें: डॉ सूर्यकान्त लखनऊ। विश्व पर्यावरण दिवस पर रविवार शाम किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग ने एक अनूठी पहल की शुरुआत की। सांस से जुड़े मरीजों के इस विभाग ने अपने परिसर में रोटरी क्लब के सहयोग से रोटरी रेस्परेटरी हर्बल पार्क की स्थापना की है, जिसका शुभारम्भ पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ अरुण कुमार ने किया। इस अवसर पर कुलपति ले जनरल डॉ बिपिन पुरी ने इस पहल और रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ सूर्यकान्त के प्रयासों की जमकर तारीफ़ की। रोटेरियन सुनील गुप्ता के सहयोग से उनके माता-पिता की याद में रोगी परिजन विश्राम गृह का भी उद्घाटन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ अरुण कुमार ने कहा आज विश्व पर्यावरण दिवस पर हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि अगर धरती और पर्यावरण को बचाए रखना है तो परिवार के हर सदस्य अपने जीवन में एक पेड़ अवश्य लगाएं। इसके साथ ही यह भी समझना जरूरी है कि पेड़ लगाने से ज्यादा जरूरी उसकी परवरिश करना है। हम जिस तरह अपने बच्चों की परवरिश करते हैं, उसी तरह हमें पेड़-पौधों की परवरिश करना चाहिए ताकि वह अपनी शीतल छाया से जीवन को धन्य बना सकें। पौधारोपण के साथ ही उसकी जियो टैगिंग के माध्यम से निगरानी भी की जाएगी। उन्होंने लोगों से फलदार वृक्ष लगाने की अपील करते हुए कहा इससे सही पोषण-देश रोशन का सरकार का सपना भी साकार हो सकेगा। इस अवसर पर रेस्परेटरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ सूर्यकांत ने रोटरी क्लब आफ लखनऊ को इस पुनीत कार्य में सहयोग के लिए धन्यवाद देते हुए कहा इस साल पर्यावरण दिवस की थीम केवल एक पृथ्वी है। इसका मतलब है कि हमारे पास जीवन यापन के लिए केवल एक पृथ्वी है इसे बचाने के लिए समय बहुत तेजी से बीता जा रहा है। ऐसे में जरूरी है कि हम पर्यावरण की रक्षा करेंए प्रदूषण रहित और हरा.भरा पर्यावरण हमारी जिंदगी और स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। डॉ सूर्यकांत ने बताया पूरी दुनिया में 100 करोड़ से ज्यादा लोग धूम्रपान करते हैं, इसकी वजह से करीब 84 करोड टन कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ा जाता है और औसत में देखें तो 1000 करोड़ सिगरेट का एक दिन में निर्माण होता है इसके लिए एक साल में करीब 60 करोड़ पौधे काटे जाते हैं। हमे पेड़ों का शुक्रगुजार होना चाहिए। लर्न-अर्न और रिटर्न पर दिया जोर इस अवसर पर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार ने कहा मैनें इसी विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर धन के साथ यश-कीर्ति को कमाया है और अब समय आया है कि विश्वविद्यालय को उसके बदले में कुछ लौटा सकूं। इसकी शुरुआत आज पर्यावरण दिवस से हो गयी है और आगे भी विश्वविद्यालय द्वारा जो भी प्रस्ताव लाये जायेंगे, उसे सरकार से पूरा कराने का वह हरसम्भव प्रयास करेंगे । इस मौके पर केजीएमयू के कुलपति डॉ. पुरी ने कहा- विश्व पर्यावरण दिवस अब केवल जागरूकता के लिए ही नहीं अपितु एक प्रयास के रूप में भी मनाना चाहिए और हर व्यक्ति को पौधारोपण करना चाहिए। वृक्षों के कटने का तापमान पर असर पड़ रहा है और ग्लेशियर पिघल रहे हैं। पर्यावरण को बचाने के लिए जरूरी है कि हर कोई वृक्षारोपण करे। उन्होंने कहा कि उनका पूरा प्रयास होगा कि केजीएमयू की जो यह छोटी सी दुनिया है, उसको पूरी तरह हरित वातावरण मिले ताकि मरीजों और उनके परिजनों को यहाँ आने पर सुकून मिल सके । इस अवसर पर रेस्परेटरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने रोटरी क्लब आफ लखनऊ को इस पुनीत कार्य में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “केवल एक पृथ्वी है” । इसका मतलब है कि हमारे पास जीवन यापन के लिए केवल एक पृथ्वी है, इसे बचाने के लिए समय बहुत तेजी से बीता जा रहा है । ऐसे में जरूरी है कि हम पर्यावरण की रक्षा करें, प्रदूषण रहित और हरा-भरा पर्यावरण हमारी जिंदगी और स्वास्थ्य के लिए जरूरी है । इसके लिए दो मुख्य बिंदुओं पर सभी को सोचना जरूरी है, पहला - मेरे कारण पर्यावरण को नुकसान न हो और दूसरा मेरा क्या योगदान हो सकता है पर्यावरण को बचाने में । इसी सोच के तहत हम कार्यक्रम में बुके की जगह पौधा भेंट करते हैं, दीप प्रज्ज्वलित करने में इलेक्ट्रिक दीप का प्रयोग करते हैं । जन्मदिवस हो या सालगिरह या कोई अन्य मांगलिक कार्यक्रम उस पर पौधे जरूर रोपें। डॉ. सूर्यकांत ने कहा कि एक दिन में एक व्यक्ति को 350 से 500 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है, इस हिसाब से लगभग 65 साल तक की उम्र में हम पेड़ पौधों से लगभग पांच करोड रुपये की ऑक्सीजन लेते हैं, इसलिए उन पेड़-पौधों के शुक्रगुजार बनिए और पौध रोपण अवश्य करें। डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि पूरी दुनिया में 100 करोड़ से ज्यादा लोग धूम्रपान करते हैं, इसकी वजह से करीब 84 करोड टन कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ा जाता है और औसत में देखें तो 1000 करोड़ सिगरेट का एक दिन में निर्माण होता है, इसके लिए एक साल में करीब 60 करोड़ पौधे काटे जाते हैं । इस मौके पर प्रति कुलपति डॉ. विनीत शर्मा, केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस. एन. शंखवार, रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ. कुशवाहा, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. राजीव गर्ग, डॉ. अजय कुमार वर्मा, डॉ. अंकित कुमार, रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग का अन्य समस्त स्टाफ, रोटरी क्लब लखनऊ के अध्यक्ष नरेश अग्रवाल और सचिव अशोक टंडन अपनी टीम के साथ उपस्थित रहे । --------------------------------------------- KGMU, Lucknow Dr Surykant Dr Arun Kumar

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