न्यायधीश विकास व सिद्धार्थ ने जीता छात्रों का दिल


हुजैफा
लखनऊ। को उप्र मानवाधिकार आयोग में मानवाधिकार व आर.टी.आई. पर आयोजित एक गोष्ठी में देशभर से आये कानून के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। गोष्ठी का आयोजन न्यायाधीश विकास सक्सेना द्वारा किया गया। गोष्ठी के प्रमुख वक्ता स्टार एक्टिवेस्ट सिद्धार्थ नारायण ने बच्चों को आर.टी.आई. की ताकत से अवगत कराया व इस बात पर बल दिया कि भविष्य में वह जो भी वाद-परिवाद अपने कैरियर में दाखिल करें या किसी वाद में जिरा करें उसमें सर्वोत्तम बल वे सूचना पर दें। आर.टी.आई. से प्राप्त सत्यापित सूचना उनके वाद में सटीक रूप से कारगर अवश्य सिद्ध होगी। इसी क्रम में उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अपने कुछ चुनिन्दा केस छात्रों के समक्ष केस स्टडी के रूप में रखें- 2015 में हुए आगरा चर्च पर हमला, उत्तराखण्ड पुलिस के हीरो रविन्द्र सिंह व उनके द्वारा शक्तिमान घोड़े को प्यार व उसकी की गई देखरेख एवं शक्तिमान के केस को आज तक लडऩा और ऐसी लड़ाई में हौसला बुलन्द रखना को प्रमुख रूप से उजागर किया। इसके अलावा अम्मी-मम्मी केस जिसमें हाल ही में इन्दिरा नगर से लापता बच्ची माही की खोज और खोज से मिली सफलता और उसमें वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती हुजेफा अबरार का अतुल्य योगदान छात्र-छात्राओं को अत्यन्त पसन्द आया। पिथौरागढ़ की धन्नो का केस जिसमें 32 वर्ष बाद धन्नो को अपने पति का हक आर.टी.आई. से मिला, एक प्रेरणास्रोत के रूप में सराहा गया। सम्भल के ऊर्जावान नवयुवक राहुल कुमार धारीवाल, मगफूर अहमद, मंसूर अहमद व दीपेन्द्र यादव का आर.टी.आई. में योगदान सराहनीय रहा है। गोष्ठी में देवरिया के अंकित चौरसिया, मोमिन काजमी, अम्बलेश्वर पाण्डेय, आरूषि कुमार, शोभाराज व अन्य छात्रों को ज्ञान देते हुए कहा सूचना कानून के प्राविधानों के अन्दर रहकर ही कार्य करें। इसका श्रेय सिद्धार्थ ने डॉ. अस्थाना को दिया जिन्होंने ये सीख उन्हें दी थी।
मीडिया से मुखातिब होते हुए सिद्धार्थ ने न्यायाधीश विकास सक्सेना व नवीन प्रकाश श्रीवास्तव को नमन किया। साथ ही में सूचना आयुक्त गजिन्दर यादव के बारे में सिद्धार्थ ने कहा श्री यादव ने महिला सशक्तिकरण व शिक्षा के क्षेत्र में आर.टी.आई. के जरिये लोगों को विशेषकर महिलाओं की बहुत मदद की है। देवा शरीफ  की मजार के बाहर हुई अवैध पशुओं की कटान के रोक में आर.टी.आई. की अहम भूमिका रही है व स्वदेश कुमार द्वारा इस क्रम में 25000/- का अर्थदण्ड व वसूली के आदेश दिया गया। अरविन्द सिंह विष्ट ने आर.टी.आई. के जरिये डॉ. लोहिया की प्रतिष्ठा को बुलन्द रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान के बारे में सिद्धार्थ ने कहा उन्हें उस्ताद उस्मान कहा जाता है और जिस प्रकार पण्डित रविशंकर सितार के स्तम्भ हैं उसी तरीके से उस्ताद उस्मान एक मिसाल है। उन्होंने अपना आर.टी.आई. का सफर अपनी माँ की पेंशन के दस रूपये से शुरू किया था और हाल ही उन्हें करोड़पति का दर्जा प्राप्त हुआ। अपने क्षेत्र के लौहपुरूष व अपनी गाँव की मनिकर्णिका ताई के आशीर्वाद से वे अपने पुश्तैनी गाँव में एक भव्य आयोजन करेगें और अपने गाँव वालों के आर.टी.आई. की ताकत हौर उससे होने वाले लाभ से अवगत करायेगें। 

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