विश्व अंगदान दिवस पर मेदांता का आह्वान: ‘जिंदगी देने का सबसे बड़ा संकल्प लें’
हर साल हजारों जानें अंगों के इंतज़ार में जाती हैं, समय पर फैसला बदल सकता है ज़िंदगी
एक दाता से 8 ज़िंदगियां बच सकती हैं – क्या आपने अंगदान का संकल्प लिया है?
लखनऊ- विश्व अंगदान दिवस पर मेदांता लखनऊ के चिकित्सकों ने लोगों से अंगदान के लिए आगे आने की अपील की है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक व्यक्ति का सही समय पर लिया गया एक फ़ैसला कई लोगों को नई जिंदगी दे सकता है, लेकिन देश में अंगों की ज़रूरत और उपलब्धता के बीच का अंतर अब भी बहुत बड़ा है। प्रतिवर्ष लगभग 02 लाख लोगों को किडनी की आवश्यकता होती है लेकिन इसकी उपलब्धता महज 08 हजार है। इसी तरह लगभग 50 हजार लिवर की प्रतिवर्ष आवश्यकता होती है लेकिन इसकी उपलब्धता सिर्फ 1,700 से 1,800 है। माना जाता है कि प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख लोग दिल, लिवर, किडनी या फेफड़े जैसे अंगों के ट्रांसप्लांट के इंतज़ार के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। जागरूकता बढ़ने के बावजूद, भ्रांतियां और संकोच अब भी लोगों को अंगदान से रोकते हैं।वहीं अगर उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो प्रतिवर्ष 25,000 लोगों की रोड एक्सीडेंट में जान चली जाती है। इसमें ब्रेन डेड हुए लोगों के विभिन्न अंग दान किए जा सकते हैं, जिससे इस अंतर को कम किया जा सकता है।
“अंगदान सिर्फ एक चिकित्सीय प्रक्रिया नहीं, यह मानवीयता और करुणा का सबसे बड़ा उदाहरण है,” डॉ राकेश कपूर, मेडिकल डायरेक्टर और डायरेक्टर यूरोलॉजी किडनी ट्रांसप्लांट, ने कहा, “सही सहमति और जानकारी के साथ, एक ब्रेन डेड डोनर आठ लोगों की जान बचा सकता है और कई अन्य की ज़िंदगी को बेहतर कर सकता है। ज़रूरत है कि हम अपने परिवार से इस पर खुलकर बात करें और ब्रेन डेड ऑर्गन डोनर के रूप में पंजीकरण करवाएं। ब्रेन डेड के बाद अंगदान की प्रक्रिया में तेजी बहुत ज़रूरी है, क्योंकि हृदय और फेफड़े 4-6 घंटे, लिवर 6-12 घंटे, किडनी 30 घंटे तक, आंतें 6 घंटे और पैंक्रियाज 6 घंटे तक ही सुरक्षित रहते हैं।
कई अन्य देशों में अंग दान को लेकर कानून भी है जिसमे ब्रेन डेड मरीज का ऑर्गन डोनेट करना अनिवार्य होता है ऐसे कुछ अपने देश में भी पहल करना चाहिए जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगो को समय रहते ऑर्गन मिल सके और उनकी जान बचाई जा सके
मेदांता लखनऊ न केवल बेहतरीन ट्रांसप्लांट सर्जरी की सुविधाएं देता है, बल्कि स्कूलों, कॉर्पोरेट दफ्तरों और रिहायशी इलाकों में जागरूकता अभियान भी चला रहा है। अस्पताल का मानना है कि अंगदान की शपथ लेकर हर व्यक्ति किसी के जीवन में आशा की किरण ला सकता है।
इस विश्व अंगदान दिवस पर मेदांता की अपील है, *"आपका एक छोटा सा कदम कई परिवारों के लिए पूरी जिंदगी बेहतर बना सकता है।"*
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