वॉल्वो की लैंगिक समानता के लिए वुमेन-ओनली कार ड्राइव आयोजित

हुजैफा
लखनऊ। वॉल्वो कार इंडिया ने मदर्स डे पर लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक पहल ‘इक्वल व्हीकल फॉर ऑल’ (ईवीए) के तहत ऑल वुमेन ड्राइव की शुरुआत की। अब कार दुर्घटनाओं से संबंधित 4 दशक और 40,000 से ज्यादा जांचों का डाटा सबके लिए निशुल्क उपलब्ध है। ईवीए अभियान सभी की सुरक्षा पर केंद्रित है और इसमें केवल उस सुरक्षा को जगह नहीं दी गई है, जिसमें पारंपरिक तौर पर ‘पुरुष क्रैश टेस्ट डमी’ पर ही सभी टेस्ट किए जाते हैं। महिलाओं की शारीरिक संरचना अलग होती है और इसी कारण से दुर्घटना की स्थिति में उन पर पड़ने वाला प्रभाव भी अलग होता है। हमने अपनी कारों को महिला क्रैश टेस्ट डमी पर भी जांचते हुए सभी के लिए सुरक्षा सुनिश्चित की है। हमारी कारों में पुरुषों और महिलाओं की गर्दन पर लगने वाले झटकों (व्हिपलैश) को कम करने के लिए सीटों को विशेषरूप से व्हिप के साथ डिजाइन किया गया है। इसी तरह साइड इंपैक्ट प्रोटेक्शन सिस्टम (सिप्स) को ध्यान में रखते हुए शानदार स्ट्रक्चर बनाया गया है। इससे सुरक्षा बढ़ेगी। असल में साइड इंपैक्ट एयरबैग के साथ सिप्स सभी यात्रियों के लिए सीने पर लगने वाली चोट को 50 फीसद से ज्यादा घटा देता है।
लैंगिक समानता केवल प्रोडक्ट के डेवलपमेंट तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे कॉरपोरेट मिशन और कार्यसंस्कृति का भी हिस्सा है। वॉल्वो कार्स ने 2025 तक सभी नेतृत्व वाले पदों में एक तिहाई महिलाओं की नियुक्ति का लक्ष्य रखा है। अभी हमारे साथ 23 प्रतिशत महिला कार्यबल है।
वॉल्वो कार इंडिया के कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस डायरेक्टर सुदीप नारायण ने कहा लैंगिक समानता के प्रति जागरूकता लाने की दिशा में अपने अभियान पर हमें गर्व है। 2025 तक सभी नेतृत्वकारी पदों पर कम से कम एक तिहाई महिलाओं की नियुक्ति का लक्ष्य हमारे ब्रांड और कॉरपोरेट मिशन के अनुरूप ही है। अभी वैश्विक स्तर पर और भारत में हमारे साथ 23 प्रतिशत महिला कार्यबल जुड़ा है। हमारी वैश्विक ईवीए पहल में महिला क्रैश टेस्ट डमी बनाना भी शामिल है, जिससे सभी के लिए सुरक्षा सुनिश्चित हो।

  

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